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उस्ताद अमजद अली खां, श्रीमती तीजन बाई, शेखर सेन अउ भारती बन्धु ल मानद डी.लिट् के उपाधी

इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह म शामिल होईस मुख्यमंत्री 

23 दिसम्बर 2016। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज खैरागढ़ के कला संगीत विश्वविद्यालय के चौदहंवा दीक्षांत समारोह म संघरिन। उमन विश्वविद्यालय कोति ले प्रसिद्ध सरोद वादक पद्मविभूषण उस्ताद अमजद अली खां, प्रसिद्ध पंडवानी गायिका पद्मभूषण श्रीमती तीजन बाई, प्रसिद्ध संगीतकार पद्मश्री शेखर सेन अउ कबीर प्रसिद्ध कबीर गायक पद्मश्री भारती बन्धु ल डी.लिट् के मानद उपाधि ले सम्मानित करिन। ये अवसर म विश्वविद्यालय कोति ले डॉ. प्रदीप कुमार ल कला संकाय खातिर अउ डॉ. अवधेश प्रसाद मिश्र ल दृश्य कला संकाय खातिर डी.लिट् के उपाधी देहे गीस। विश्वविद्यालय ह दीक्षांत समारोह म 18 शोधार्थी मन ल संगीत, नृत्य, दृश्यकला, कला, लोक संगीत संकाय मन म पी.एच.डी के उपाधी घलव प्रदान करिस। विश्वविद्यालय ह 2014-15 बछर अउ 2015-16 बछर म होए परीक्षा मन म सबले जादा नम्‍बर पवईया 54 विद्यार्थी मन ल सोना अउ चांदी के पदक घलव दीस। मुख्यमंत्री ह कला संगीत विश्वविद्यालय के परिसर म नवा बने संग्राहलय के उदघाटन करिस। समारोह म उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डे, नैक के निदेशक प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह, सांसद अभिषेक सिंह, विधायक गिरवर जंघेल, विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे, नगर पालिका खैरागढ़ के अध्यक्ष श्रीमती मीरा चोपड़ा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष सचिन बघेल, जनपद पंचायत खैरागढ़ के अध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह उपस्थित रहिन।




ये अवसर म मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ह कहिन के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मन अपन कला के प्रतिभा अउ संवेदनशीलता ले ये देश भर म नहीं भलुक जम्‍मो दुनिया म खैरागढ़ अउ छत्‍तीसगढ़ के नाम रौशन करहीं। उमन विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मन ल उंखर सफलता बर बधाई देवत जमो के सुखद, सफल अउ खुशहाल जीवन खातिर शुभकामना दीन। मुख्यमंत्री ह कहिन के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय कला, संगीत अउ संस्कृति के महमहई ल देश अउ दुनिया म बगराने वाला अपन आप म अद्भुत संस्थान आए। डॉ. सिंह ह आघू कहिन के हमार देश अउ प्रदेश बर ये गर्व के बात आए। एशिया के पहिली संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ म स्थापित होए हे, जउन ह पाछू 6 दशक मकई ठन ललित कला मन के अध्ययन-अध्यापन म रत हे अउ अपन विशिष्ट योगदान ले अंतर्राष्ट्रीय स्तर म प्रतिष्ठित हे। उमन कहिन के ये विश्वविद्यालय म पाछू साठ बरिस म देश अउ दुनिया ल कई झन प्रतिभा देहे हे, जेन मन हमार संस्कृति, संगीत अउ कला के विरासत के संरक्षण अउ संवर्धन म अपन अमूल्य योगदान देके ये क्षेत्र म नवा प्रतिभा मन अउ नवां उपलब्‍धी के रास्दा खोल देहे हे। डॉ. सिंह ह कहिन के ये विश्वविद्यालय ह पढ़ईया मन ल ना केवल ललित कला मन के शिक्षा भर नई बल्कि बदलत परिवेश म नवा पीढी ल भारतीय संस्कार अउ परम्परा म घलव दीक्षित करे हे। उमन कहिन के संस्कार, संस्कृति अउ आजीविका के त्रिवेणी ये विश्वविद्यालय म मॉरिशस, श्रीलंका, अफगानिस्तान, बेलारूस, पोलैण्ड, थाईलैण्ड, आस्ट्रिया, फिजी, तुर्की आदि देश मन के विद्यार्थी संगीत, नृत्य-नाट्य, दृश्य-कला अउ सांस्कृतिक मूल्य उपर आधारित शिक्षा प्राप्त करत हें अउ ये विश्वविद्यालय संगीत कला के बडका केन्द्र बन गए हे।




मुख्यमंत्री ह विश्वविद्यालय ल राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्रदान करे बर कुलपति सहित जमो अध्यापक मन, कार्यपरिषद अउ विद्यापरिषद मन के सदस्य मन अउ विद्यार्थी मन ल घलव बधाई दीन। उमन विश्वविद्यालय कोति ले 60 बछर म बनाये संगीत अउ कला के क्षेत्र म स्थापित अपन विशिष्ठ पहचान ल आघू घलव बनाये रखे के आव्हान विद्यार्थी मल ले करिन।
समारोह ल संबोधित करत मुख्य अतिथि प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ह विश्वविद्यालय ल शास्‍त्र अउ लोक के समन्वय के स्थली बतात कहिन के शास्‍त्रीय संगीत अउ कला मन के अध्ययन के संगे-संग लोक कला मन ल प्रोत्साहन देना इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के पहचान आए। उमन विद्यार्थी मन ल सफल जीवन अउ परखर भविष्य खातिर घलव अपन शुभकामना दीन। प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ह कहिन के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सात सुर मन के सृष्टि के अनमोल संवाहक आंए। विश्वविद्यालय ले उपाधी पाए के पाछू विद्यार्थी मन ल भगवान बुद्ध के उपदेश चरैवेति-चरैवेति के भाव ल लेके समाज म जाना चाही। प्रो. सिंह ह भरोसा जताइस के विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जउन ज्ञान प्राप्त कर चुके हें वोकर प्रकाश ले जम्‍मो समाज प्रकाशित होही अउ जमो भारतीय संस्कृति अउ परम्परा ल आघू बढ़ईया अग्रदूत बनहीं। उमन लउहे-लउहे आधुनिकता कोती बढ़त युवा मन ले सामाजिक परम्परा मन ल भुलाये झन देहे अउ जमो भरम ले उठके भारतीय मूल्य मन के रक्षा करत नवा सोनहा भारत के निर्माण म अपन सहभागीता सुनिश्चित करे के आव्हान घलव पढ़ईया मन ले करिन।




उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डे घलव सभा ल संबोधित करिन। समारोह ल लोक सभा सांसद अभिषेक सिंह घलव संबोधित करिन उमन कहिन के ये विश्वविद्यालय म भारतीय कला अउ परम्परा के शिक्षा पवईया पढ़ईया भर नहीं बल्कि इंहा कला के साधक मन कठिन साधना करत हें। अलग-अलग स्तर म विद्यार्थी मन के ये साधना कला अउ संगीत ल एक महत्वपूर्ण स्थान देवाही। इंखर ये साधना ले विश्वविद्यालय अउ छत्‍तीसगढ़ के घलव देश-विदेश म विशिष्ट पहचान बनही। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह ह विश्वविद्यालय के उपलब्धी अउ इतिहास के विषय म विस्तृत जानकारी दीन।