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कविता

दुखिया मन के दुःख हरैया

दुखिया मन के दुःख हरैया, मंगल करैया जय हो तोर श्री गणेशा
जेन आथे तोर दुवरिया, मन के मुराद हो जाथे पूरा
नैइ जानो मय पूजा -पाठ, नैइ जानो मय लन लबारी
बिनती हावे मोर गणेशा, दुःख हरलो मोर आज

सजे हे तोर भुवना जय जय श्री गणेशा जय हो तोर गणराज
चमकत हे तोर दुवरिया झुमत नाचत हे भगत अउ दुखिया
अज्ञानी अउ ज्ञानीजन पूजत हे सुमरत हे तोला
सबके बिगड़ी बनाथस मंगल करैया जय हो तोर श्री गणेशा

लक्ष्मी नारायण लहरे साहिल
कोसीर सारंगगढ़ रायगढ़