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कविता

कन्या पूजन

नौ दिन ले देबी पुजे,
जांहू पितर के लोक मा।
बेटा के लालच म अंधरा होके,
बेटी ल,काबर मारे कोंख मा।।

नइ फूले हे फूल तेन ल,
कोंखे म ,काबर बोजत हस।
पूजा करे बर कन्या मनके,
गली गली मा खोजत हस।।

भ्रुन हतियारा कन्या पूजे बर,
बेटी कहांँ ले पाबे गा।
करम मा बोंए बम्हरी काँटा,
त आमा कहाँ ले खाबे गा ।।

मार के कोंख मा बेटी ल
बेटा पाए बर रोवत हे।
मांगे मनौती देवी ले
आज बेटी के पांव ल धोवत हे।।

✍ राम कुमार साहू
सिल्हाटी, कबीरधाम
मो नं 9977535388
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