Categories
छंद लावणी

लावणी छंद : श्रद्धा के सुरता माँ मिनी माता

भारत माँ के हीरा बेटी,ममतामयी मिनी माता।
तै माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता।

सुरता हे उन्नीस् सौ तेरा, मार्च माह तारिक तेरा।
देवमती बाई के कुँख ले,जन्म भइस रतिहा बेरा।

खुशी बगरगे चारो-कोती,सुख आइस हे दुख जाके।
ददा संत बड़ नाचन लागे,बेटी ला कोरा पाके।

सुख अँजोर धर आइस बेरा,कटगे अँधियारी राता।
तै माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता।

छट्ठी नामकरण आयोजन,बनिन गाँव भर के साक्षी।
मछरी सही आँख हे कहिके,नाँव धराइन मीनाक्षी।

गुरु गोसाई अगम दास जी,गये रहिन आसाम धरा।
शादी के प्रस्ताव रखिन हे,उही समय परिवार करा।

अगम दास गुरु के पत्नी बन,मिलहिस नाँव मिनी माता।
तैं माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता।

सन उन्नीस् सौ इंक्यावन मा,अगम लोक गय अगम गुरू।
खुद के दुख ला बिसर करे तैं,जन सेवा के काम शुरू।

बने प्रथम महिला सांसद तैं,सारंगढ़ छत्तीसगढ़ ले।
तोर एक ठन रहै निवेदन,जिनगी बर कुछ तो पढ़ ले।

पढ़े लिखे ला काम दिलावस,सरकारी खुलवा खाता।
तैं माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता।

जन्म भूमि आसाम रहिस हे,कर्म भूमि छत्तीसगढ़ ओ।
शोषित ला अधिकार दिलावस,शासन ले माँ लड़ लड़ ओ।

अस्पृश्यता दहेज निवारण,दुनो विधेयक पेश करे।
समरसता के धरके आगी,भेद भाव ला लेस डरे।

सूत्रधार बाँगो बाँधा के,करुणामयी मिनी माता।
तै माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता।

सन उन्नीस् सौ बछर बहत्तर,महिना तिथि अगस्त ग्यारा।
वायु यान के दुर्घटना ले,सन्नाटा पसरे झारा।

एक सत्य हे काल जगत मा,कहिथें सब ज्ञानी ध्यानी।
समय रहत कर ले सत कारज,के दिन के ये जिनगानी।

अंतस बर श्रद्धा के सुरता,छोड़ चले तैं गुरु माता।
तैं माँ हम संतान तोर ओ,बनगे हे पावन नाता।

सुखदेव सिंह अहिलेश्वर”अँजोर”
गोरखपुर,कवर्धा
मोबा-9685216602
sukhdev.singh.ahileshver31@gmail.com
[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”]