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कविता

लुए टोरे के दिन आगे

पियंर पियंर डोली खार
धान बाली लहलहावत हे
लुए टोरे के दिन आगे
मांथ ल नवावत हे

रापा धरके कांदी छोले
बियारा ल चतरावत हे
जुड़ा ड़ाढ़ी सुमेला बंडी
बईलागाड़ी ल सम्हारावत हे

पेरा पुरा के पैरा डोरी
बर बरके बनावत हे
धान लुए बर हंसिया,बेठ
लोहार कर पजवावत हे

पात धरके चापे चाप
करपा ल मढ़ावत हे
थके मांदे निहरे निहरे
कनिहा ल सोजियावत हे

पेरा पुरा के पैरा डोरी
बीड़ा बीड़ा बांधत हे
मेड़ म बईठके बीड़ी पियत
सुसती धपकी मारत हे

डबल टिबल बोझा बिड़ा
सुर मुड़ी म डोहरावत हे
उल्ला धुरहा देख देखके
गाड़ा बईला म भरवावत हे

बईला गाड़ी टेक्टर टेक्टर
रवने रवन रेंगावत हे
धरे तुतारी कोड़ा लउंठी
ओहो तोतो चिल्लावत हे

कोठार बियारा खरहि खंजाय
लएन वार डोरी छोरावत हे
सुल्लु ढ़ेबर्रा गाभा भरके
बड़े बड़े खरहि रचावत हे!!

मयारुक छत्तीसगढ़िया
सोनु नेताम माया
रुद्री नवागांव धमतरी
९८२७३५६०१२
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