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कविता

प्रेम रंग

प्रेम रंग में
अइसे रंगाहु तोला
प्रेम रंग में।

कभू झन निकले गोरी।
मोर मया के रंग ह वो।।
मया बढ़ाये रइबे।
झन छूटे संग ह वो।।

एसो के होली म गोरी।
रंग गजब लागहु वो।।
आके तोर पारा म गोरी।
रंग तोला लागहु वो।।

झन छूटे मया ह गोरी।
एसो के होली म वो।।
संगी साथी संग म आहु।
खेले बर होली वो।।

लाल हरा पिला गोरी।
रंग गुलाल उड़ा बोन वो।।
जलईया ल जलन दे।
मजा दोनों उड़ा बोन वो।।

युवराज वर्मा
ग्राम -बरगड़ा(साजा)
जिला-बेमेतरा(छःग)
मो.9131340315
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