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कविता

वाह रे रूपया तै महान होगे

जम्मो भागे तोर पाछु मे, सब तोरे गुन ल गावै,
जावस तै जेती जेती, सब तोरे पाछु आवै,
तोर आय ले बने बने सिधवा घलो बईमान होगे,
वाह रे रूपया तै महान होगे.

दुनीया पुजा तोर करे, घर घर मे तोर वास हे,
तोर खातीर जम्मो जियत हे, तोरे भरोसा सांस हे,
सबो जघा तहीं छाय हस अब तही ह भगवान होगे,
वाह रे रूपया तै महान होगे.

तै जदुहा हरस का मोहनी डारे हस,
सरी दुनीया ल मोही डारे, जम्मो झन ल मारे हस,
जब ले आय हस दुनीया मे जम्मो तोर गुलाम होगे,
वाह रे रूपया तै महान होगे.

चारो मुड़ा तोर चर्चा हे जम्मो तोर दिवाना हे,
पईसा वाले ल जम्मो चीनथे ओकरे जम्मो ठीकाना हे,
तै चाहस त दुनीया बदल दे, तै कलयुग के परमान होगे,
वाह रे रूपया तै महान होगे.

तोर बिना पाना नई डोले, जम्मो रूपया रूपया बोले,
कोनो नई बोले जय बम भोले, तोर नशा में दुनीया डोले,
तही अब अल्लाह अऊ राम होगे,
वाह रे रूपया तै महान होगे।

धर्मेन्द्र डहरवाल मितान
ग्राम सोहागपुर जिला बेमेतरा
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