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छंद सार

कका के बिहाव : सार-छंद

कका बता कब करबे शादी, देख जवानी जाथे !
बइठे रोथे दादी दादा, संसो घानी खाथे !!1!!

ढ़ींचिक-ढ़ींचिक नाचत जाबो, बनके तोर बराती !
पागा-पगड़ी माथ बँधाये, देखे राह घराती !!2!!

गँड़वा-डीजे जेन लगाले, नागिन पार बजाबो !
बुड़हा-बुड़ही रंग जमाही, सबला खींच नचाबो !!3!!

दाई कइही जी देरानी, घर अँगना के रानी!
आव-भाव मा देवी रइही, देही सबला पानी !!4!!

रोजगार के करले जोखा, करथच रोज बहाना !
गाँव गली मा सुनथे बाबू, देथैं कतको ताना !!5!!

नवा-नवा तो कपड़ा लाबे, बनबे बढ़िया राजा !
इसनो अबरख साज लगाबे, दिखबे सुघ्घर ताजा !!6!!

काकी पाबो भाग जगाबो, मया दया तो देही !
पइधे रइबो हमतो रोजे, चूमा-चटका लेही !!7!!

अटकन-चटकन वो खेलाही, हार-जीत के खेला !
ठोंस सजा हे चीपो-लादो, पाही रोज झमेला !!8!!

केंउ मेंउ के पारी आही, हमतो कान बचाबो !
काकी लमरत दौंड़ लगाही, ओला तेज भगाबो !!9!!

पत्तो कइही आरा-पारा, तोरे सोर उड़ाही !
कइबे तँयहर चटनी पीसे, बोलत साठ गुड़ाही !!10!!

गाहीं बढ़िया गीत भड़ौनी, सुनबो कान दबाके!
खाबो पींयर भात अघाके, लाडू खास चबाके !!11!!

देख कका तँय करले शादी, देख-ताक के आजा !
जाबो आँसो हमन बराती, लान लगाबो बाजा !!12!!

असकरन दास जोगी
ग्राम : डोंड़की, पोस्ट+तह : बिल्हा,
जिला : बिलासपुर (छ. ग.)
मो. नं. : 9340031332
www.antaskegoth.blogspot.com

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