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कविता

स्वक्छता अभियान

चल मोर संगी चल मोर साथी
चलवं स्वक्छता अभियान चलाबो
गांव देहात अउ नगर सहर ल
निरमल सुघ्घर गांव बनाबो

धरके निकलबो बाहरी खरेरा
खोर गली ल बाहरत जाबो
ओंटा-कोंटा नाली साफ करत
जुरमिलके नवा बिहान लाबो

साफ सुथरा रखबो गंवई-गांव ल
घुरवा गड्डा खनके पटवाबो
जब्बर सुघ्घर मोर गंवई-गांव
घर के कचरा बाहिर निकलवाबो

कचरा नई करन अलिन गलिन
गांव सहर ल सपथ देवाबो
किरिया खाबो सुघ्घर राखे के
जन जागरुकता गांव सहर फैलाबो!!

✍मयारुक छत्तीसगढ़िया
सोनु नेताम”माया”
रुद्री नवागांव धमतरी
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