आंखी म नावा सपना बसा के रखवअपन घर ला घर तो बना के रखव।आंखी ले बढ़के कूछू नइये से जग माए-ला अपने मंजर ले बचा के रखव।सोवा परत म कहूं झनिच जाबे अंगना म चंदैनी सजा के रखव।बड़ कोंवर हे जीयरा दु:ख पाही गोरी के नजर ले लुका के रखव।दिन महीना बछर कभू मउका मिलहीअंतस […]
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