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गोठ बात

छत्तीसगढ़ी बोले बर लाज काबर

आज हिन्दी जनइया मन हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी जनइया मन ल छत्तीसगढ़ी बोले म तकलीफ होथे। ये मन अंगरेजी अउ हिन्दी भासा के परयोग करथे। अपन भासा ल पढ़े-लिखे म सरम आथे, काबर? अपन भासा के प्रति हीनता इंखर बीमारी आय। जेन ह सिर्फ परचार ले अउ ननपन ले अपन भासा के प्रति परेम ले दूर […]

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व्यंग्य

मोबाइल के बड़े-बड़े गुन

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के इंजीनियर प्रोफेसर के दिमाग म बात अइस। सोचीस, सहर-गांव सबो जगा मोबाइल के अड़बड़ चलन होगे हे, गांव मन म रोग के जांच कर इलाज करइया (क्लिनिक लैब्स) साधन घलो नइये। अइसे म, एक ठी पोर्टेबल माइक्रोस्कोप बनाके वोला मोबाइल ले जोड़ दे जाय। इंजीनियर प्रोफेसर मन अइसे सोचे बात ल […]

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व्यंग्य

लड़की खोजत भंदई टूट जाय

गांव मन म पहिली मोटर गाड़ी, फटफटी नई रहिस। साइकिल घलो इक्का-दुक्का घर राहय। बिहाव के दिन आय त ये गांव ले वो गांव पता करत रेंगते घुमंय। जउन जिहां जाय बर काहे जिहें चल देंवय। येती-ओती पता करत अतेक घुमंय त नवा पहिने भंदई के धुर्रा बिगड़ जाय। भंदई टूट जय, गथना छर्री-दर्री हो […]