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कहानी

लालच के फल

एक गांव म एक झन मरार डोकरा अउ मरारिन डोकरी रिहिस। दूनों झन बखरी म साग-भाजी बोय अउ बेंचे। मरार डोकरा ह रोज बखरी ल राखे बर जाय। इन्द्र के घोड़ा ह डोकरा के बखरी म रात के बारा बजे रोज आय अउ साग-भाजी ल चर देय। मरार डोकरा अपन डोकरी ल बताथे काकर गरवा […]

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कहानी

ढेलवानी – कहिनी

‘बहू ह बने खाय बर दिस हे मितान चैतु कथे। दिन बीतत गिस एक बखत सुकारो ह अपन घर वाला ल काहत राहय। ते ह तो भारी भलमंता बने हस तोर मितान ल बनी के पइसा अउ भात बासी घलो देवत हस। काकर घर अइसने पइसा खाय बर देत होही। आज ले ओला खाना देय […]