काय करबो संगी जिनगी मा जीये बर हे ता खाये-पीये ला परही। करू-मीठ दूनों के सुवाद ला घलो ले बर परही। येदे जिनिस करू हरे नई खावन, येदे गिनहा हे नई खान केहे मा नी होवय। खाबे तभे होही ना, सुवाद ला लेबे तभे तो। अइसने जिनगी मा बने-गिनहा सबो जिनिस ला जाने-अनजाने मा करेच […]
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