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कविता

तीजा लेहे बर आहूं

बड़ मयारू हच मोर बहिनीतोला तीजा लेहे बर आहू आं,सावन म तोर घर म जाकेराखी मैं बंधवाहूं ओभादो म तिहारिन बहिनीभाई के घर म आबेससरार के जम्मो सुख-दुख लमइके म गोठियाबेदाई के मया के मोटराधर के तोर बर लाहू ओ,बड़ मयारू हच मोर बहिनीतोला तीजा लेहे बर लाहू ओपढ़त-लिखत होही घर म नाचत रहि नाचाममा-ममा […]