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कविता

डॉक्‍टर दानी के बानी

आजकल पढैया लैक मन बर ज़रूरी होगे हवय ट्यूसन, कारकि अब सिक्षा के क्षेत्र मा घलो बढ गेहे कांपिटिसन, हम तो अलवा जलवा गुटका ला पढ के पास होय रेहेन, वो समय तो कक्षा म चिलम चढा के आवय सिक्षक मन्, अब के स्कूल डिसीप्लीन ला बड़ महत्व देथे,साथे साथ, हर बछर उमन फ़ीस ला […]

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डॉक्‍टर दानी के बानी

सेन्ट्रल वर्सेस स्टेट

का फ़रक हवय सेन्ट्रल अउ रज्य सरकार के नौकरी म, एक आफ़िस महल कस,दुसर चलथे निच्चट झोपड़ी म। सेन्ट्रल वाले मन ला अपन तन्खा उप्पर अभिमान होथे, पर स्टेट वाले मन बर तन्खा केवल एक अनुदान होथे। सेन्ट्रल म काम के समय दस से छय कड़ाई से लागू होथे, स्टेट् कार्यालय म असली काम हा […]

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कविता

डॉक्टर दानी के बानी

( नगर निगम चुनाव) बस दु महीना बाद होवय्या हे हमर प्रदेस म निगम के चुनाव, तेन ला जीते बर रमन हा नवाकार्यक्रम बर मांगत हे सुझाव्। में हा जनता डहार ले उनला चुनाव जीते के तरीका बतावत हवं, सबले पहली प्रसासनिक खर्चा ला कम करव कीके समझावत हवं। अब सरलाता से बनना चाही जनता […]

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गज़ल

डॉ. संजय दानी के छत्‍तीसगढ़ी गजल

होगे फ़ागुन हा सर पे सवार ‘जोहार ले जोहार ले जोहार। नरवा खलखल हांसत है,नवा नवा फ़ूटत है धार्।(जोहार ले – – – – बरदी के सुत गे गोसैया,सन्सो में हवय खेत खार। जोहार ले – – – – दिल हा चना के जवान है,औ राहेर लगत हे कचनार। जोहार ले- – – – धान […]

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गीत

होली गीत

होगे फ़ागुन हा सर पे सवार ‘ जोहार ले जोहार ले जोहार। नरवा खलखल हांसत हे, नवा नवा फ़ूटत हे धार।(जोहार ले – – –  – बरदी के सुत गे गोसैया, सन्सो में हवय खेत खार।  जोहार ले – – – –  दिल ह चना के जवान हे, अउ राहेर लगत हे कचनार। जोहार ले- […]