केंवटिन धमतरी राजिम के गाड़ी तीर धमतरी टेसन म चना मुर्रा बेचय। पचास साल ले टेशन मास्टर रहे बंगाली बाबू एक दिन अइस अऊ केंवटिन ल रयपुर घुमाय बर गाड़ी म बइठार के लान लिस। केंवटिन के पहिली बेर गाड़ी म बइठे अउ घूमेके अनुभव ले पढ़व।‘ए दाई भालो आहे।’‘अरे बंगाली बाबू, भालो हे, सुग्घर […]
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