करा असन ठरत हावय पानी रे नदिया के उनमन नहांवत तो होहीं रे। उंखरे तो गांवे ले आये हे नदिया ह होही नहांवत मोर जोही रे। महर-महर महकत मम्हावत हे पानी ह। लागत हे घुरगे हे सइघो जवानी ह। चट कत कस, गुर-गुर ले छू वत हे अंग-अंग ल, चूंदी फरियावत तो होही रे। तउरत […]