ये ह, छत्तीसगढ़ के कलेवा आय। तिहार बार के रोटी-पीठा आय॥ अइरसा, अंगाकर रोटी, इडहर, कढ़ी। करी लाड़ू, कोचईपाग, कोचईपीठा, पपची॥ खस्ता, खाजा, खुरमा, खुरमी। गुलगुला, गुरहाचीला, गुरहा भजिया, कुसली। चीला नूनहा, चौसेला, घुघरी, ठेठरी। डुबकी, बफौरी, डुबका, दूधफरा। तुमापाग, तिलगुझिया, तसमई, कतरा। दुधकुसली, देहरौरी, तुमा तसमई, दही बरा॥ नमकीन, नूनहाकरा, नूनहाचीला, पूरनपूरी। पापड़ी, पापर, […]
Tag: Dwarika Chandrakar “Mandal”
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हांसत हे सोनहा धान के बाली ह
पींवरा लुगरा पहिरे धरती हांसत हे, सोनहा धान के बाली ह। पींवरा पींवरा खेतखार दिखत हे, कुलकत हे अन्नपूर्णा महरानी ह॥ गांव-गांव म मात गे हे धान लुअई, खेतखार म मनखे गजगजावत हे। सुकालु, दुकालू, बुधियारिन, मन्टोरा संगी जहुरिया संग धान लुए बर जांवत हे॥ का लइका का सियान? मात गे हे जवानी ह। हांसत […]