Categories
कविता

तन मन होगय चंगा

छल प्रपंच के होरी जरगे छलकय निरमल गंगा आते साठ बसंत राज के तन-मन होगय चंगा जूही चमेली चंपा मोंगरा फुलगे  ओरमा झोरमा केकती केवरा अउ गुलाब संग धरती गावय करमा लाल-लाल दहकत हे परसा सेम्हर घलो इतरागे कहर-महर सिरसा के फुलुवा थकहा जीव जुड़ागे झमकय घाठ धठौंधा पैरी बाजय ढोल मृदंगा आते साठ बसंत […]