जबले अवइया चुनाव के सुगबुगाहट होय हे तबले, राजनीतिक पारटी के करनधार मनके मन म उबुक चुबुक माते हे। घोसना पत्र हा चुनाव जिताथे, इही बात हा , सबो के मन म बइठगे रहय। चुनाव जीते बर जुन्ना घोसना पत्र सायदे कभू काम आथे तेला, जम्मो जानत रहय। तेकर सेती, नावा घोसना पत्र कइसे बनाय जाय तेकर बर, भारी मनथन चलत रहय। एक ठिन राजनीतिक दल के परमुख हा किथे – हमर करजा माफी के छत्तीसगढ़िया माडल सबले बने हाबे, उही ला पूरा देस म लागू कर देथन, अपने अपन…
पूरा पढ़व ..Tag: Harishankar Gajanan Prasad Dewangan
लोकतंत्र के आत्मकथा
न हाथ न गोड़, न मुड़ी न कान। अइसे दिखत हे, कोन जनी कब छूट जही परान। सिरिफ हिरदे धड़कत हे। गरीब के झोफड़ी म हे तेकर सेती जीयत हे। उही रद्दा म रेंगत बेरा, उदुप ले नजर परगे, बिचित्र परानी ऊप्पर। जाने के इकछा जागिरीत होगे। बिन मुहू के परानी ल गोठियावत देखेंव, सुकुरदुम होगेंव। सोंचे लागेंव, कोन होही एहा ? एकर अइसे हालत कइसे होइस , अऊ एहा कइसे जियत हे ? तभे हांसे लागिस ओहा। अऊ केहे लागिस, तेंहा अइसे सोंचत हावस बाबू, जानो मानो मोला कभू…
पूरा पढ़व ..