‘रामलाल कथे भाई मेहा दसमी पास होगेंव, ये ले मोर अंकसूची कहिके देखाय बर धरथे त देखथे पेपर ह ओकर ले गायब हो जाय रथे। वोला पेपर पढ़इया मन धरके लेग जाय रथे। रामलाल ल अड़बड़ दु:ख होथे। बिचारा के पीरा पहाड़ कस हो जथे।’ रामलाल बहुत खुश रिहिस अपन अंकसूची ल देखके वोला जतन […]
Tag: Jitendra Kumar Sahu “Sukumar”
नान्हे कहिनी : सिसटाचार
गियारह बजे के बेरा आय। मिथलेस अपन संगवारी मनसन गोठियात जात राहे, त परकास कथे-कइसे रे मिथलेस ! तेंहा अड़बड़ दिन बाद कॉलेज आय हाबस। आजकल तोर दरसन दुरलभ होगे हाबे। कहां जाथस दिखस निही। त मिथलेस कथे- बहुत बियस्त होगे हाबों यार, सबो डाहर ल देखे ल पड़थे घर डाहर घलो अड़बड़ बूता रथे। […]
नान्हे कहिनी : सिसटाचार
गियारह बजे के बेरा आय। मिथलेस अपन संगवारी मनसन गोठियात जात राहे, त परकास कथे-कइसे रे मिथलेस ! तेंहा अड़बड़ दिन बाद कॉलेज आय हाबस। आजकल तोर दरसन दुरलभ होगे हाबे। कहां जाथस दिखस निही। त मिथलेस कथे- बहुत बियस्त होगे हाबों यार, सबो डाहर ल देखे ल पड़थे घर डाहर घलो अड़बड़ बूता रथे। […]
नान्हे कहिनी : लबारी
‘रामलाल कथे भाई मेहा दसमी पास होगेंव, ये ले मोर अंकसूची कहिके देखाय बर धरथे त देखथे पेपर ह ओकर ले गायब हो जाय रथे। वोला पेपर पढ़इया मन धरके लेग जाय रथे। रामलाल ल अड़बड़ दु:ख होथे। बिचारा के पीरा पहाड़ कस हो जथे।’ रामलाल बहुत खुश रिहिस अपन अंकसूची ल देखके वोला जतन […]
मया के दीया
घर कुरिया, चारों मुड़ा होही अंजोर फुलवारी कस दिखही महाटी अऊ खोर जुर मिलके पिरित के रंग सजाबो रे आगे देवारी मया के दीया जलाबो रे बैरी भाव छोड़ के जम्मो बनव मितान जइसे माटी के रखवारी करथे किसान बो बोन जइसे बीजा ओइसने पाबो रे आगे देवारी मया के दीया जलाबो रे मने मन […]
मया के दीया
घर कुरिया, चारों मुड़ा होही अंजोरफुलवारी कस दिखही महाटी अऊ खोरजुर मिलके पिरित के रंग सजाबो रेआगे देवारी मया के दीया जलाबो रेबैरी भाव छोड़ के जम्मो बनव मितानजइसे माटी के रखवारी करथे किसानबो बोन जइसे बीजा ओइसने पाबो रेआगे देवारी मया के दीया जलाबो रेमने मन मुस्कुराये खेत म धान के बालीभुइयां करे सिंगार, […]
दू ठो नान्हे कहिनी
आदिमानव सुकारो के छुट्टी झटकुन हो जथे। रद्दा म खेलत-खेलत घर आथे अउ अपन बस्तर ल पठेरा म मड़हा के हडिया-कुडेड़ा ल मांजे बर बोरींग डाहर जाथे, रातकुन घर म पढ़ेबर बइठेन ताहन ओकर बबा ह पूछथे, तो गुरूजी मन का पढ़हईस गोई! त सुकारो ह लजावत कहिथे- आदिमानव के बारे म बतइसे। आदिमानव मन […]
जिनगी बड़ कीमती हे बचाव भइयारही-रहिके मुंहू म आगी झन लगाव भइयातुहर पर्डरा दांत होही बिरबिट करियागुटखा, तम्बाकू झन खावव भइयाबड़ मेहनत करके सकेले हाबे पुरखा मनधनहाल धुंगिया म झन उड़ावव भइयाबेरा ले पहिली हो जहू तुमन डोकराअतेक जादा झन इतरावव भइयाये सबो नसा के गलत परभाव हरे ताव म अतेक झन चिचयाव भइयातुमर बढ़िया […]
कबिता : नवा हे बिहान
मोर मयारु छत्तीसगढ़ गजब हे महान गा। धरती दाई के सेवा करे लइका, सियान गा॥ तन म पसीना ओगार के चोवा रुकोवत हे। खेत-खार म मोर नगरिहा, करम के बीजा बोवत हे॥ ये अड़हा किसान ल नइए गरब गुमान गा। धरती दाई के सेवा करे लइका, सियान गा॥ कोलकी-कोलकी बइला रेंग, बइला के सिंग म […]
पीरा म गोहार पारत सुशीला अपन बेटा ल कथे, रूपेश मोला पन्दराही होगे कनिहा पीरा म मरत-मरत। फेर आज उदूक ले जादा बाड़ गे तइसे लागत हे। मोर देह के जम्मो हाड़ा ह एके जगा अरहजगे तइसे लागथे बेटा, बने असन डॉक्टर ल देखा देते कथो- पीरा म कलपत अपन दाई ल देख नई सकिस […]