Categories
कविता

कबिता : होली के रंग म

लइका सियान जम्मो नर नारीउड़ाए गुलाल पिचकय पिचकारीसंगी साथी सबो कोन्हों संग मरंगे हाबे ग होली के रंग म। बजावत हे नंगाड़ा गावत हे गानादही ले ले मही ले ले गुवालिन के रागपहिरे हावे फुंदरा बाला नवा ढंग मरंगे हाबे ग होली के रंग म। बैरी भाव ल छोड़ के बिना मीत मितानहोलिका माई ल […]