Categories
कविता

बियंग कबिता : काशीपुरी कुन्‍दन के आखर बान

बेटी के ददा निरीह लाचार दहेज के बजार म दमांद के खरीदार. इंसाफ वो ह पूछिस, इंसाफ कहां मिलही मैं थाना के रद्दा देखा देंव. आबादी आबादी दिन दुगना रात चौगुना बढे जइसन साहूकार के सूद चढे. समाचार अउ बिचार समाचार – एक झन मनखे भूख म गरगे बिचार – जरूर आम आदमी होही जउन […]

Categories
कविता

बियंग कबिता : काशीपुरी कुन्‍दन के आखर बान

बेटी के ददा निरीह लाचार दहेज के बजार म दमांद के खरीदार. इंसाफ वो ह पूछिस, इंसाफ कहां मिलही मैं थाना के रद्दा देखा देंव. आबादी आबादी दिन दुगना रात चौगुना बढे जइसन साहूकार के सूद चढे. समाचार अउ बिचार समाचार – एक झन मनखे भूख म गरगे बिचार – जरूर आम आदमी होही जउन […]