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गीत

तैंहर छोटे झन जानबे भइया एक ला : केयूर भूषण के गीत

तैंहर छोटे झन जानबे भइया एक ला। एकक जब जुरियाथें लग जाथे मेला॥ एक्के भगवान ह जग ला सिरजाये हे एक ठन सुराज ह, अँजोर बन के छाये हे सौ बक्का ले बढ़ के होथे एक लिख्खा गठिया के धरे रिबो मोरो ये गोठ ला। भिन्ना फूटी ले होथे एक मती कोटिक लबरा ले बढ़ […]

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कहानी व्यंग्य

मसखरी : देवता मन के भुतहा चाल

गोठ कई रंग के होथे, सोझ-सोझ गोठ, किस्सा कहानी, गोठ, हानापुर गोठ, बिस्कुटक भांजत गोठ, बेंग मारत गोठ, पटन्तर देत गोठ, चेंधियात गोठ, हुंकारू देवावत गोठ, ठट्ठा मढ़ावत गोठ, मसखरी ह मसखरिहा गोठ आय। येहू ह मौका कु मौका म काम देथे। केयूर भूषण जी ह येला एक अलग विधा के रूप म स्थापित करे […]