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गीत

मनकुरिया

मनकुरिया म काय नींगे हे रेकाय नींगे हावे मन कुरिया मं जेखर मूहू लाल लाल, जेखर गाल हे पताल जेखर नीयत हे चण्‍डाल, कईसे करत हें कमाल …. झांकथावे काय ओदे धुरिया ले, ये काय नींगे हावय मोर चोला बढ भोला, काबर लूटत हावो मोला मैं राना प्रताप के बाना आंव मोर चिरहा हे झोला […]

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कहानी

गुरुबाचा कहिनी – किसान दीवान

एक दिन अपन ल संवासे नी सकिस सुखरू। घातेच किलोली करके भतीजा के बिहा में संघरना जरूरी हे, ओखर दई-बाप नइए, अइसे ओखी करके, छुट्टी मा गिस। कन्हैयालाल मानेजर नंगत सुलहारिस, सेधे के लईक उल्था देईस। जल्दी तरक्की देय के वादा करिस। फेर सुखऊ मानबे नी करिस अउ आज दू हफ्ता होगे। नउकरी खोजत किंजरत […]