पति के लंबा उमर हो चाहे कोनो डहर हो खालव चाहे बर्गर पीजा एक बार रख लौ जी तीजा घरो घर गणपति विराजे फुल फुलवारी सारंग श्वर बाजे नई मिले चाहे तोला विजा एक बार रख लौ जी तीजा सखि सहेली नाचा गावा पुजा के थाली ला लावा दुब फुल हावय ताजा ताजा एक बार […]
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काबर सूना हावय कलाई
भैया तैं मां के सेवा करथस दिन अउ रात मन मा लुका रखे हंव मैं हा कोनो भी हो बात कछु भी नई कहस तैं हर कतको हो आघात खुष रइबे मां के सेवा में चाहे कठिन होवय हालात हम सबके रक्षा में भाइ्र्र सुना हावय कलाई अमन शांति होवय जग मा झन होवय लडाई […]
राखि तिहार
बहिनी कोखरो नई हे ता जीवन बेकार हे अक्षुन्य विष्वास हावय जहां ओखरे नाम राखि तिहार ए मॉं के ममता अउ पिता के दुलार हे बहिनी के बकबक हे जहां ओखरे नाम राखि तिहार ए जीवन के कोनो मोड़ मा अनुराग मिले बेषुमार हे कृति में केंद्रित हावय मनुजत्व जहां ओखरे नाम राखि तिहार ए […]
व्याकुलता छाए हे तन मन मा अकुलित हम सब यौवन मा जम्मो कति बादर आ गे नाचत हे मजूर अब वन मा आकुल मन शांत हो गे हे बुढवा के चौपाल खो गे हे गावत हे डाल मा सुअन धरती के पियास बुझाय बर आ गे हे सावन मरूस्थल मा छाए हे हरियाली थक हार […]
लक्ष्मण कुम्हार : कोमल यादव के कविता
छत्तीसगढीहा माई के दुलार डांस इण्डिया बर रहिस तइयार ददा हे जेखर रिक्शा चरवार नाव हे लक्षमण कुम्हार। पन्नी बिनइया लइका के सोनी टी वी करिस उद्धार नाव हे लक्षमण कुम्हार।
बेटी बचावा कइथे बेटी हाथ पसार मोला देवा मया दुलार। बेटी मन ला काबर मया नई करय हमर संसार। सोचा जम्मो झन बेटी बिना बन सकही का घर परिवार। नानकुन ले लेके जवानी तक मोर ऊपर लटकत हावय तलवार। मोर पिडा अउ वेदना के का अब होही कोनो स्थाई उपचार।