तुंहर मन म का हे अपन अंतस ल बोल दव मोर मन के गोठ ल सुन लव अभी तो मान लव जो हे बात हांस के कही दव जिनगी के मया म रस घोल दव अभी तो बदलाव कर दव महुँ हंव किनारा म मझधार ल पार करा दव मया के गोठ हांस के बता […]
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दुखिया मन के दुःख हरैया
दुखिया मन के दुःख हरैया, मंगल करैया जय हो तोर श्री गणेशा जेन आथे तोर दुवरिया, मन के मुराद हो जाथे पूरा नैइ जानो मय पूजा -पाठ, नैइ जानो मय लन लबारी बिनती हावे मोर गणेशा, दुःख हरलो मोर आज सजे हे तोर भुवना जय जय श्री गणेशा जय हो तोर गणराज चमकत हे तोर […]
हमर छत्तीसगढ़
सुआ दरिया तोता मैना हमर छत्तीसगढ़ के पहचान आय मीठ बोली कोयली के तरिया नरवा हमर मान जंगल पसु पक्छी हमर मितान सुग्घर बोली हमर छत्तीसगढ़ी भाखा मया के रस घोलत हे संगी संगवारी के इंहा हे चिन्हारी गाँव म जिनगी सुघ्घर बीतत हे नीम पीपर के छाँव हे अमरैया म किसिम किसिम के पक्छी […]
आँखी के काजर
भुला डारे मोला काबर बैरी बनाये तोर आँखी के काजर हाथ के कंगन मोला अबड़ आथे सुरता तोर गुस्सा तोर हसना तोर नखरा तोर मीठ बोली सच म गांवली गाँव मोर सुरता कराथे बर पीपर के छाँव तोर अंगना के टूटहा खटिया डर डर के तोर गली म जाना छुप छुप के मीठ बोली बोलना […]
ममा घर के अंगना
नाना – नानी घर खेलेंन कुदेंन चांकी भवरीं अउ मैना उड़ नीम के छाँव रहिस कबूतर के घर म डेरा छोटे नाना संग घूमे ल सिखेंन ममा घर के अंगना भई भई सब अलग बिलग होगे अंगना होंगे अब सुना कोनो ल कोनो से मतलब निये नीम के छाँव बुडगागे अंगना के कबूतर उड़ागे घर […]
खिल खिलाके तोर मुस्काई
खिलखिलाके तोर मुस्काई अबड़ मोला सुहाथे मुड़ मुड़ के तोर देखना गजब भाथे हंसी हंसी म संगवारी मन तोर करथे चारी गजब हे तोर संगवारी खिलखिलाना घर के दुआरी म अंगना के कोना म सड़क के किनारे तरिया के पार म पड़ोस के कुँआ म तोर होथे चारी सबो कहिथे तोला निचट हे सुघ्घर मोर […]
अमरैया के छाँव म
गांव के अमरैया हावे तरिया के पार म बारो महीना हवा बहत हे सुर सुर छाँव म हावे टूटहा झोपड़ी डोकरी दाई सुलगाहे हे आगी खुर खुर खांस्त हे सड़क ल सुनावत हे देख तो डोकरी दाई अमरैया म जिनगी गुजारत हे लोग लईका मन छोड़ दिन साथ अब अमरैया म हावे रुख राई के […]
छत्तीसगढ़ी दिवस 28 नवम्बर विशेष
हिंदी हिंदुस्तान के अउ छत्तीसगढ़ी छत्तीसगढ़ के सान आय एक दसक बीत गईस फेर महतारी भाखा हमर 8 वीं अनुसूची म सामिल नैइ हो पाईस छत्तीसगढ़ राज बने 17 बछर होगे। नवम्बर महीना ह छत्तीसगढ़ के परब आय। नवम्बर महीना ह छत्तीसगढ़ीहा मन बर दसहरा, दिवाली अउ होली के परब ल कम नोहे। 1 नवम्बर […]
ओहर बेटा नोहे हे
ओहर बेटा नोहे हे! परसा के ढेंटा आय लाठी ल टेक टेक के सडक म बाल्टी भर पानी लानत हे देख तो डोकरी दाई ल कैसे जिनगी ल जीयत हे कोनो नइये ओखर पुछैया अपन दुख ल लेके बडबडावत हे कभू नाती ल, कभू बेटा ल, कभू बहू ल गोहरावत हे पास पडोस के मन […]
कविता : अब भइगे !
अब भइगे बंदुक ल छोड दव बस्तर के माटी ल झंन रंगव महतारी के कोरा सुना होगे आॅखी ले आंसु बोहवत हे छोटे बहिनी राखी ल थारी म सजाये हे नान नान लईका मन रस्दा देखत हें नावा बोहासिन के मांग ह सुना होगे पडोसी के बबा गुनत हे अपन नाती देख रोअत हे तुमन […]