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कविता किताब कोठी

उत्‍ती के बेरा

कविता, झन ले ये गाँव के नाव, ठलहा बर गोठ, हद करथे बिलई, बिजली, चटकारा, बस्तरिहा, अंतस के पीरा, संस्कृति, तोला छत्तीसगढी, आथे!, फेसन, कतका सुग्घर बिदा, गणेश मढाओ योजना, बेटा के बलवा, बाई के मया, रिंगी-चिंगी, अंतस के भरभरी, बिदेशी चोचला, ममादाई ह रोवय, छत्तीसगढिया हिन्दी, सवनाही मेचका, चिखला, महूँ खडे हँव, जस चिल-चिल, कुकुरवाधिकार, पइसा, तोर मन, होही भरती, छ.ग. के छाव, उत्ती के बेरा, हरेली, दूज के चंदा, अकादशी, निसैनी, प्रहलाद, राजनीति, नवा बछर, गुन के देख, चाकर, बिचार, श्रृंगार अउ पीरा, जीव के छुटौनी, पसार दिये तैं मनोज कुमार श्रीवास्त, शंकरनगर नवागढ, […]

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अनुवाद

चॉकलेट के इतिहास

चॉकलेट बनाय के मुख्य जिनिस कोको के खोज 2000 वर्ष पूर्व होइस। अइसे माने जाथे कि जब 1528 म स्पेन के राजा हर मेक्सिको म विजय हासिल करके कब्जा कर लीस त ओ हर अपन साथ भारी मात्रा म कोको के बीजा लेके अइस तभे स्पेन के रसोई मन म चॉकलेट ड्रिंक प्रसिद्व होगे। फेर […]

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गोठ बात

चमत्कारी हवय अशोक के रूख

शास्त्र म लिखे गे हवय कि अशोक के रूख हर अड़बड़ चमत्कारी हवय। अगर अशोक के रूख घर म लगे हवय त कोनो समस्या अउ दुख तकलीफ तीर-तखार म नई फटकय। अशोक वृक्ष से कई प्रकार के धन-संपत्ति अउ कई ठन समस्या ल दूर करे जा सकत हवय। अशोक के पत्ता ल घर के दरवाजा […]

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कविता

मनोज कुमार श्रीवास्तव के सरलग 41 कविता

1. झन ले ये गॉंव के नाव जेखर गुन ल हमन गावन, जेखर महिमा हमन सुनावन, वो गॉंव हो गेहे बिगड़हा, जेला देख के हम इतरावन, कहत रहेन षहर ले बने गॉंव, बाबू एखर झन ले नाव, दूसर के चीज ल दूसर बॉंटय, उल्टा चोर कोतवाल ल डॉंटय, थोरकिन म झगरा होवत हें, दूसर मन […]

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कविता

मनोज कुमार श्रीवास्तव के गियारा कविता

1. झन ले ये गॉंव के नाव जेखर गुन ल हमन गावन, जेखर महिमा हमन सुनावन, वो गॉंव हो गेहे बिगड़हा, जेला देख के हम इतरावन, कहत रहेन शहर ले बने गॉंव , बाबू एखर झन ले नाव, दूसर के चीज ल दूसर बॉंटय, उल्टा चोर कोतवाल ल डॉंटय, थोरकिन म झगरा होवत हें, दूसर […]