Categories
गीत

गीत

माडी भ्‍ार चिखला मा तन ला गडाए, कारी मोटियारी टुरी रोपा लगात हे ।। असाढ के बरसा मा तन ला भिजोए, अवइया सावन के सपना सजात हे ।। धान के थ्‍ारहा ला धर के मुठा मा, आज अपन भाग ला सिरतोन सिरजात हे ।। भूख अउ पियास हा तन ला भुला गेहे, जागर के टुटत […]

Categories
कविता

कविता

देख के इकर हाल मोला रोवासी आ जाथे । ।। रोए नी सकव मोर मुँह मा अब हाँसी आ जाथे ।। आज काल के लइकामन भुला गिन मरजादा, मुहाटी मा आके सियान ला तभो खासी आ जाथे ।। बरा अउ सोहारी बेटा बहु रोज खाथे , सियानिन के भाग मा बोरे बासी आ जाथे ।। […]

Categories
कविता

दू कबिता ‘प्रसाद’ के

-१- देख के इकर हाल मोला रोवासी आ जाथे, रोए नी सकव मोर मुँह मा अब हाँसी आ जाथे।। आज काल के लइकामन भुला गिन मरजादा, मुहाटी मा आके सियान ला तभो खासी आ जाथे।।