अब तो करम के रहिस एक दिन बाकी कब देखन पाबों राम लला के झांकी हे भाल पांच में परिन सबेच नर नारी देहे दुबवराइस राम विरह मा भारी दोहा – सगुन होय सुन्दर सकल सबके मन आनंद। पुर सोभा जइसे कहे, आवत रघुकुल चंद।। महतारी मन ला लगे, अब पूरिस मन काम कोनो अव […]
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प्रशस्ति सरगूजा के रामगिरी हे मस्तक मुकुट सँवारै, महानदी ह निर्मल जल मा जेकर चरन पखारै। राजिम औ सिवरीनारायण छेत्र जहां छबि पावै, ओ छत्तिसगढ़ के महिमा ला भला कवन कवि गावै। है हयवंसी राजा मन के रतनपूर रजधानी, गाइस कवि गेपाल राम परताप सुअमरित बानी। जहाँ वीर गोपालराय काकरो करै नइ संका, जेकर नाम […]
हाट्स एप ग्रुप साहित्यकार में श्रीमती सरला शर्मा अउ अरूण निगम ह पितर पाख मा पुरखा मन के सुरता कड़ी म हमर पुरखा साहित्यकार पद्मश्री मुकुटधर पाण्डेय के रचना प्रस्तुत करे रहिन हे जेला गुरतुर गोठ के पाठक मन बर सादर प्रस्तुत करत हन – छायावाद के जन्मदाता मुकुट धर पाण्डे ल आखर के अरघ, कालिदास […]