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गज़ल

छत्‍तीसगढ़ी गज़ल – कागज म कुआं खनात तो हे

मनखे मनखे ल मठात तो हेअन कइसे मनखे बतात तो हे।मोर हाथ म टंगली नइते ह,कोनो जंगल फटफटात तो हे।मोर पियास के सुन के सोर,कोनो तरिया के पानी अंटात तो हे।सेयर घोटाला मेच फिक्सिंग चारा घोटाला चल,कुदु कर के देख के नांउ करा त तो हे।इहां इमानदार के कमी नइये,बैंक के किस्‍त ला पटात तो […]