जब समाज मं शांति हा बसथय शांति पात जिनगानी। दुख शत्रुता अभाव भगाथय उन्नति पावत प्रानी।। मारपीट झगरा दंगा ले होवत कहां भलाई। मंय बिनवत हंव शांति ला जेहर बांटत प्रेम मलाई।। लगे पेड़ भर मं नव पाना, दसमत फूल फुले बम लाल लगथय – अब नूतन युग आहय, क्रांति ज्वाल को सकत सम्हाल! अब […]
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शोषण अत्याचार हा करथय हाहाकार तबाही। तब समाज ला सुख बांटे बर बजथय क्रांति के बाजा।। करंव प्रार्थना क्रांति के जेहर देथय जग ला रस्ता । रजगज के टंटा हा टूटत आथय नवा जमाना ।। गांव के सच वर्णन नइ होइस, फइले हे सब कोती भ्रांति जब सच कथा प्रकाश मं आहय, तभे सफलता पाहय […]
जग मं जतका मनसे प्राणी सब ला चहिये खाना । अन्न हवय तब जीयत जीवन बिना अन्न सब सूना ।। माता अन्न अमर तयं रहि नित पोषण कर सब जन के। तयं रहि सदा प्रसन्न हमर पर मंय बिनवत हंव तोला।। बिरता हरा हाल के झुमरय, बजय बांसरी मधुर अवाज गाय गरूकूदत मेंद्दरावंय, शुद्ध हवा […]
गांव शहर तुम एका रहिहव राष्ट्र के ताकत दूना । ओकर ऊपर आंच आय नइ शत्रु नाक मं चूना ।। गांव शहर तुम शत्रु बनव झन रखत तुम्हर ले आसा । करत वंदना देश के मंय हा करत जिहां पर बासा ।। ऊगे ठाड़ ‘गाय धरसा’ हा.पंगपंगाय पर कुछ अंधियार खटियां ला तज दीस गरीबा, […]
पाठक – आलोचक ले मंय हा नमन करत मृदुबानी । छिंहीबिंही खंड़री निछथंय पर सच मं पीयत मानी ।। एमन बुढ़ना ला झर्रा के नाक ला करथंय नक्टा । तभो ले लेखक नाम कमाथय – नाम हा चढ़थय ऊंचा ।। मेहरुकविता लिखत बिधुन मन, ततकी मं मुजरिम मन अैन तब बिसना कथय – “”तंय कवि […]
६. तिल्ली पांत वंदना अपन तरी मं रखत अंधेरा – दूसर जगह उजाला । अपन बिपत ला लुका के रखथय – पर के हरथय पीरा ।। खुद बर – पर के दुख ला काटत उही आय उपकारी । पांव परंव मंय दिया के जेकर बिन नइ होय देवारी ।। काव्य प्रारंभ “मंगलिन कपड़ा मिल’ एक […]
धरती माता सबके माता-सब ले बढ़ के गाथा । मोर कुजानिक ला माफी कर मंय टेकत हंव माथा।। अन्न खनिज अउ वृक्ष हा उपजत तोर गर्भ ले माता । सब प्राणी उपयोग करत तब बचा सकत जिनगानी ।। “”कहां लुका-भागे डोकरा? तोला खोजत हन सब कोती सुन्तापुर के सब छोकरा । कहां लुका भागे छोकरा…? […]
छत्तीसगढ़ी गरीबा महाकाव्य रचइता – नूतन प्रसाद प्रथम संस्करण – 1996 मूल्य – पांच सौ रुपये स्वत्व – सुरेश सर्वेद आवरण – कृष्णा श्रीवास्तव गुरुजी डिजाइन एवं टाईपसैट – जैन कम्प्यूटर सर्विसेज, राजनांदगांव प्रकाशक सुरेश सर्वेद मोतीपुर, राजनांदगांव वर्तमान पता सुरेश सर्वेद सांई मंदिर के पीछे, तुलसीपुर वार्ड नं. – 16, तुलसीपुर राजनांदगांव छत्तीसगढ़ मोबाईल […]
छत्तीसगढ़ी गरीबा महाकाव्य रचइता – नूतन प्रसाद प्रथम संस्करण – 1996 मूल्य – पांच सौ रुपये स्वत्व – सुरेश सर्वेद आवरण – कृष्णा श्रीवास्तव गुरुजी डिजाइन एवं टाईपसैट – जैन कम्प्यूटर सर्विसेज, राजनांदगांव प्रकाशक सुरेश सर्वेद मोतीपुर, राजनांदगांव वर्तमान पता सुरेश सर्वेद सांई मंदिर के पीछे, तुलसीपुर वार्ड नं. – 16, तुलसीपुर राजनांदगांव छत्तीसगढ़ मोबाईल […]
साथियों, भंडारपुर निवासी श्री नूतन प्रसाद शर्मा द्वारा लिखित व प्रकाशित छत्तीसगढ़ी महाकाव्य “ गरीबा” का प्रथम पांत “चरोटा पांत” गुरतुर गोठ के सुधी पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूं। इसके बाद अन्य पांतों को यहॉं क्रमश: प्रस्तुत करूंगा। यह महाकाव्य दस पांतों में विभक्त हैं। जो “चरोटा पांत” से लेकर “राहेर पांत” तक […]