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Tag: Rameshwar Sharma
गीत : रामेश्वर शर्मा
सरर-सरर फरर-फरर बहे पुरवाही। सावन सवनाही तब धरती हरियाही॥ बूंद गिरे भुइयां मं सावन के झर-झर। बिजुरी के तड़-तड़ बादर के घड़-घड़। आगे बादर ले मउसम बदल जाही॥ देखव अब चारो डहर मन हरियावे। गावय मल्हार संग ददरिया सुनावे। लइका सियान सब गाही गुनगुनाही॥ बइला के संगे-संग खेत हर जोताही। लछमिन हर खेत मं बीजा […]
गीत-राखी के राखी लेबे लाज
बंधना म बांध डारेवं भाई, राखी के राखी लेबे लाज। सुघ्घर कलाई तुहर सोहे, माथे के टीका सोहे आज।। किंजर-किंजर के देवता धामी, बदेंव मैं तुहर बर नरियर। लाख बछर ले जी हव भइया, नाव हो जाये तुहर अम्मर। तिरिया जनम ले हवं भइया, बहिनी के राखी पहिरबे आज।। रहे बर धरती छांव बर अगास, […]
देखतेच हौ बाती तेल सिराय अमर देखतेच हौबुझागे हवय दियना हमर देखतेच हौछोड़ किसानी अफसर बनिहौं कहिके टूरा लटक गीस अधर देखतेच हौदूध गईया के मूंह लेगिस पहटिया मरिचगे बछरू दूध बर देखतेच हौचांउर दार के दाना नइहे घर मा लांघन भूख हे हमर बर देखतेच हौघर के भीतर चोर अमाय कर कहिबे सरमा ला […]