कोन्हों भी राज आरुग चिन्हा वोकर संस्कृति होथे। संस्कृति अइसन गोठ आय जेमा लोककला अउ लोकपरब के गुण लुकाय रहिथे। छत्तीसगढ़िया मन अपन सांस्कृतिक गहना ल बड़ सिरजा के रखे हे। जेकर परमाण आज तक वोकर भोलापन अउ ठउका बेरा मं मनाय जाय तिहार मं बगरथे। सियान से लेके लइकामन परम्परा ल निभाय खातिर घेरी-बेरी […]
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भक्ति-भाव के महापरब-सावन मास
व्रती मन सोमवार रखथे अउ फल फलहरी खाके उपास ल तोड़थें। शिवलिंग के पूजा में बेल पत्ता के अब्बड़ महत्व हे। पूजा में सिरिफ तीन पत्ती वाला अखंडित बेल पत्ता ही चढ़ाय जाथे। ये तीनों पत्ता ल मन, वचन अउ करम के प्रतीक माने गेहे। शिवलिंग में अधिकतर तीन लकीर वाला त्रिपुण्डी होथे। येहा शिव […]
मइया पांचो रंगा
कुंवार नवरात्रि में माता दुर्गा के मूर्ति इस्थापना करे जाथे। तब चैइत नवरात्रि म जंवारा बोथें। नव दिन म मया, उच्छाह, भक्तिभाव अउ व्रत, उपास के शक्ति देखे बर मिलथे। छत्तीसगढ़ शक्ति पीठ के गढ़ आय। इहां के भुइयां में अब्बड़ अकन जघा म देवी मां विराजमान होके जम्मो भगत ऊपर किरपा बरसावत हे। येमा […]
सिवजी ल पाय के परब महासिवरात्रि
नवा बुता, उद्धाटन, नवा जीनिस के सुरुआत इही दिन ले करथे। भक्ति भाव के अइसन परब में पूजा म अवइया समागरी बेल पत्र, धतूरा, फुंडहर, कनेर, दूध, दही, केसरइया फूल मन के महत्व बाढ़ जाथे। संत पुरुष के गोठ हे के केसरइया फूल ल सिव जी म चढ़ाय ले सोना दान करे के बरोबर फल […]
मंगल कामना के दिन आय अक्ती
ठाकुर देवता के देरौठी म तो धान बोय के पूरा प्रक्रिया चलथे। ये दिन परसा पाना के महत्व बाढ़ जथे। परसा पाना के दोना बना के वोमा माई कोठी के धान ल ठाकुर देव म चढ़ाय जाथे। संग म मऊहा ल घला समर्पित करथें। धान छितथे अउ दू झन मनखे ल बइला बना के नागर […]
मइया पांचो रंगा
सा धक मन बर नवरात्रि परब घातेच बढ़िया माने गे हे। हिन्दू मन के ये तिहार छत्तीसगढ़ में बच्छर म दू बार चैइत अउ कुंवार महिना में मनाए जाथे। कुंवार नवरात्रि में माता दुर्गा के मूर्ति इस्थापना करे जाथे। तब चैइत नवरात्रि म जंवारा बोथें। नव दिन म मया, उच्छाह, भक्तिभाव अउ व्रत, उपास के […]
केसरिया रंग मत मारो कान्हा
छत्तीसगढ़ के प्रयागधाम राजिम म भगवान राजीवलोचन संग होली खेले के जुन्ना परम्परा हे। घुलैण्डी के दिन जब राजीवलोचन के पट खुलथे तब रूप रंग अलगेच नजर आथे। श्रध्दालु बिहंचे ले मंदिर परिसर में नंगाड़ा बाजा में बिधुन होके नाचथें। दू बजे के बाद भोग प्रसादी लगाथें। ऐ बेरा देस परदेस के जम्मो भगत मन […]
बइगा के चक्कर – नान्हे कहिनी
तैंहा बतावत हस त मोला लागथे कि तोर लइका ल मलेरिया बुखार धरे हे, अउ सुन तैं काहत हस न कि मोर माइलोगन ल भूत धर ले रिहीस हे। तब वोला भूत-ऊत नई धरे रिहिस हे वोहा ज्यादा घामे-घाम म किंजर दिस तेकरे सेती अकचकासी लाग गे रिहिस होही। कइसे सुरेश का बात आय अब्बड़ […]
चल जाबो राजिम कुम्भ – कहिनी
माघी पुन्नी ले महाशिवरात्रि तक पन्दरा दिन बर हर साल राजिम के तिरवेणी संगम मं कुंभ मेला भरात हे। दुरिहा-दुरिहा के साधु संत ऋषि मुनि मन आए रथे ओकर मन के परवचन म अमरित बरसथे, नदिया के पानी मं नहाय बर कुण्ड बने हे, एमा नहाए ले मन ह पवित्र हो जथे, कहावत हे, के […]
नेता टेकनसिंह कहाय के सऊक
एसो के चुनई म महूं खड़े हावंव अऊ ये गांव के जम्मो वोट हा मोला मिलना चाहिए। ये बुता ल मेंहा आज ले तोला सौंपत हंव। काबर अब वोट डारे बर सिरिफ दस दिन बांचे हाबे। ऐती बर अब्बड़ अकन गांव किंजरे बर घलो हाबे। हो सकत हे कहूं अऊ आय बर नई मिलही। ये […]