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गोठ बात

वर्तमान ह सच आय – सुधा वर्मा

आज के समय म वर्तमान म जियइया मनखे कमती देखे बर मिलथे, सब बड़े-बड़े सपना ले के चलत हावंय अउ वो सपना म अपन वर्तमान ल खतम करत हावंय। कई झन लइका मन डॉक्टर इन्जिनियर बने के चक्कर म बारवीं के रिजल्ट ल खराब कर देथें अउ ड्राप ले के दू-तीन साल तक परीक्छा देतेच्च […]

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हमन कहां जात हन – सुधा वर्मा

रामकुमार साहू के कविता संग्रह के भूमिका लिखत रहेंव त ओमा एक लेख ”तईहा के ला बइहा लेगे” ल पढ़त-पढ़त सोचेंव के ये लेख के जम्मों बात ल मैं ह अपन मड़ई म अलग-अलग रूप मा दे डरे हवं। फेर पढे क़े बाद उही सब बात ह दिल दिमाक मा आए ले धर लीस। गर्मी […]

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दिसाहीनता – सुधा वर्मा

एक समय रहिस हे जब हर पढ़इया अपन गुरू के सम्मान करंय। रद्दा म रेंगत गुरूजी ह हर राहगीर सम्मान के नजर ले देखय। गांव के इसकूल म जब नवा गुरूजी जाथे। त गांव के खाली घर ओखर बर जोहथे। किराया के बात रहिबे नइ करय। गांव के हर मनखे ओला सहयोग देथे, ओखर सम्मान […]