1 ब्रम्ह मुहूरत में उठ जाबे . धरती माँ ल कर लेबे परनाम . सुमिरन करबे अपना कुल देवता ल , लेबे अपन इष्ट देव के नाम . बिहिनिया बिहिनिया नहाके , तुलसी मैया मा दिया बारबे . एक लोटा जल , अरपन कर . एक परिकरमा लगाबे .. घर म होही, लड्डू गोपाल . […]
Tag: Sunita Sharma
Categories
आवत हे राखी तिहार
आवत हे राखी तिहार सजे हे सुग्घर बाजार, रकम रकम के राखी हर डाहर राखी के बहार. रेशम धागा के दिन पहागे चांदी और सोना के राखी आगे मया के तिहार म घलो देखो बाजारवाद ह कइसे छागे.