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कविता

छत्तीसगढिय़ा हांव मैं

छत्तीसगढिय़ा हांव मैंसब ले बढिय़ा हांव मैंइहां के पानी इहां के माटीरहईयां इहां के इहां के भूईय्याकहे सोन चिरईय्या हंव मैंछत्तीसगढ़ के मोर भुईय्या ला धान कटोरा कईथेसब्बों धरम के संगी साथी जुरमिल के बने रहिथेलड़ई अऊ झगड़ा ले दूर रहिथेंहम सब झने मन एक हे कहिथेंअऊ कहिथे-छत्तीसगढिय़ां हंव मैं सबले बढिय़ा हंव मैंबस्तर के […]