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व्यंग्य

इहां… मना हावय

हमर देस मा तुंह जिहां भी कोनो सार्वजनिक जगह, सरकारी जगह मा जाहा तव उहां के भिथियां म कुछु न कुछु बोर्ड मा लिखाय सूचना पाहा। जइसे के “जइसन किसिम-किसिम के सूचना भिथिया म टंगाय रहिथे। फेर हमर देस के मनखे मन के कुछु आने च काम चलथे। इहां मनखे मन जिहां लिखाय देखहिं के […]

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छत्तीसगढ़ी व्यंग्य : नोट बंदी के महिमा

8 नवंबर के दिन भारत के एक एतिहासिक दिन हवय। ए दिन टीवी म रात के 8 बजे जब खबर आइस के प्रधानमंत्री जी देस ल संबोधित करही तव सब्बो झिन टीवी तीरन चटकगे रहिन के आज तव लागत हे के नापाकिस्तान उपर हमला करे के घोसना होही। फेर थोरिक देर म प्रधानमंत्री जी कहिन […]