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कविता

आजादी के गीत

खूने-खून के नदिया बोहाइस,
परान छुटत ले लड़े हे।
आजाद कराय बर देस ल,
दुस्मन संग भिड़े हे।
उही लहू के करजा ल,
अब चुकाये ल परही।
आजादी के गीत ल,
मिलके गाये ल परही।।…
घर दुवार के मोह छोड़ के,
देस के रक्छा करे हे।
भारत माँ के लाज बर,
आगी अँगरा म जरे हे।
जग ल अँजोर करइया बर,
एक दीया जलाये ल परही।
आजादी के गीत ल,
मिलके गाये ल परही।।…
जवान मन के बल देख,
मउत घलो ह हारे हे।
देस धरम के नास करइया,
बइरी मन ल मारे हे।
कतेक सहिबो अतियाचार,
तलवार उठाये ल परही।
आजादी के गीत ल,
मिलके गाये ल परही।।…

केशव पाल,
मढ़ी(बंजारी) सारागांव,
तिल्दा-नेवरा रायपुर(छ.ग.)
9165973868

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